तू है हिन्दू मैं हूँ मुस्लिम


तू है हिन्दू मैं हूँ मुस्लिम
तू है हिन्दू मैं हूँ मुस्लिम, हम दोनों हैं कौन बता।
सांसें किसके बाप ने दी हैं, हिन्दू कि मुस्लिम ये बता।।

क्यूँ आखों में लाल हैं डोरे, क्यूँ है ख़ून की प्यास तुझे।
जब कुछ दिल में दर्द ना तेरे, तू कैसे इंसान बता।।

नहीं कांपते हाथ क्यूँ तेरे, मासूमो की ज़िबह से पहले।
कौन है तू हैवान कि आदम, सोच ज़रा तू सोच बता।।

किसका अल्लाह किसका ईश्वर, कहता है तू क़त्ल करे।
अजर-अमर तू रह जाएगा, या होगा शादाब बता।।

तू भी या तो जल के मरेगा, या फिर ख़ाक यहीं होगा।
फिर हम-साए को दुःख देकर, तू कैसे जी लेगा बता।।

किसका राज है किसकी सत्ता, ऐ प्यादे तू देख ज़रा।
कौन तुम्हारी मार रहा है, अपनी आंखें खोल बता।।

बैठ तराजू के पलड़े पर, और गुनाह को तोल ज़रा।
लेगा जब एक दिन हिसाब वो, क्या बोलेगा बोल बता।।

तू है हिन्दू मैं हूँ मुस्लिम, हम दोनों हैं कौन बता।
सांसें किसके बाप ने दी हैं, हिन्दू कि मुस्लिम ये बता।।

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जयहिंद कुमार 

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