हिंदी कविताएं
माँ की सीख

माँ की सीख

माँ की सीख माँ बाँटती बेटी को,जो उसके अनुभव का हिस्सा हुआ,  नजरंदाज बेटी ना करे,मानकर कि रोजाना का किस्सा हुआ |…

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वही तो असली प्रकृति

वही तो असली प्रकृति

वही तो असली प्रकृति जहाँ जाने के बाद वापस आने का मन ना करे जितना भी घूम लो वहाँ पर कभी मन ना भरे हरियाली, व स्…

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भारत लोकडाउन

भारत लोकडाउन

भारत लोकडाउन  कोरोना वाइरस बड़ा घातक है सुन लो मेरी बात,  कुछ दिनों के लिए टाल दो तुम अपनी मुलाक़ात | राजस्थ…

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ऋदि सिद्धि है नारी

ऋदि सिद्धि है नारी

ऋदि - सिद्धि है नारी दुर्गा, काली ,चामुण्डा,लक्ष्मी,चण्डी,  सरस्वती, ऋदि - सिद्धि है नारी ! तु स्वयं में समा…

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नये जमाने की होली

नये जमाने की होली

नये जमाने की होली अब होली मनाने के पुराने तरीके भूलने लगे हैं  ! चहूँओर नये जमाने के नये रिवाज छाने लगे हैं ! …

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उसके चेहरे का गुलाबी हो जाना

उसके चेहरे का गुलाबी हो जाना

उसके चेहरे का गुलाबी हो जाना कोई कहता है सात दिन और सात रात का पैकेज मतलब प्रेम?? मैं कहती हूं चांदनी रात, एक झ…

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फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा

फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा

रोज काल का ग्रास बन रही आसिफा, फिर कैसे मैं प्यार लिखूँगा  फिर कैसे मैं श्रृंगार लिखूँगा । देश चल रहा नफरत से ही…

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मिली है कुछ लम्हों की मोहलत

मिली है कुछ लम्हों की मोहलत

मिली है कुछ लम्हों की मोहलत आज हसीन शाम को दरिया की गीली रेत पर चलते  ज़िंदगी से नाफ़रमानी करने को जी चाहता है.!…

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पैसा बोलता है

पैसा बोलता है

पैसा बोलता है  पैसा बोलता है  रिश़्तों के हर राज़ खोलता है सच है कि पैसा बोलता है जब रोती हैं रातें ज़ज़्बा…

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जज्बां देशभक्ति का

जज्बां देशभक्ति का

जज्बां देशभक्ति का  औरो के नापाक मंसूबो पर हरदम पानी फिराये रखा है |  शिशुओं को जज्बां देशभक्ति का घुट्टी में प…

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हवस की आग में

हवस की आग में

हवस की आग में  रुह मेरी छटपटाती पड़ी है  खुद के वजूद को समेटे खामोशी ओढ़े ,  एक गंदी नाली के कीड़े सी...  आस-…

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मन की सतह पर जीत का परचम

मन की सतह पर जीत का परचम

मन की सतह पर जीत का परचम  आदिमानव सी पड़ी मन की सुषुप्त  अनुभूतियों की तरलता पे प्रस्फुटित होते है अटपटे से खय…

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स्तन योनि और गर्भाशय

स्तन योनि और गर्भाशय

स्तन, योनि और गर्भाशय मैं कैंसर अचीवर हूँ और जानती हूं कि ब्रेस्ट, यूट्रेस न बोल पाने के कारण कितनी महिलाएं कैंस…

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चरित्रहीन थी वो

चरित्रहीन थी वो

चरित्रहीन थी वो चरित्रहीन थी वो क्योंकि उसने किया था अर्पण खामोशी से छूआ था उसके स्नेह को और पल-भर में हो गई …

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वृक्षारोपण में तेरा योगदान

वृक्षारोपण में तेरा योगदान

वृक्षारोपण में तेरा योगदान सुन ! लापरवाह मनुज! बहता यु ही नल होगाा । सोचो कैसा हमारा भयावह आगामी कल होगा । प…

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वसंत उल्लास है

वसंत उल्लास है

वसंत उल्लास है बेफिक्र नींदे है  बसंती अंगड़ाई क्षितिज पर  पीला प्रकाश सा...  छाने लगा है  मन के आकाश पर भी…

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दिसंबर और जनवरी का रिश्ता

दिसंबर और जनवरी का रिश्ता

दिसंबर और जनवरी का रिश्ता कितना अजीब है ना,  दिसंबर और जनवरी का रिश्ता? जैसे पुरानी यादों और नए वादों का …

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नारी बंधा हुआ पक्षी

नारी बंधा हुआ पक्षी

नारी-----बंधा हुआ पक्षी। डोर बंधी है अब भी पिंजरे में, उड़ना चाहा तो मर जाऊँगी। गर्दन में फास रखी, पानी  को …

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क्यों कि तुम पुरुष हो

क्यों कि तुम पुरुष हो

क्यों कि तुम पुरुष हो मैं जानती हूं कि तुम कभी नही कहोगे की, मैं तुम्हारे लिए जरूरी हूँ...  मैं तुम्हारे साथ च…

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