स्तन, योनि और गर्भाशय |
स्तन, योनि और गर्भाशय।
"ईश्वर! काट दो हमारे स्तन
बना दो हमें बिना स्तन और योनि के
निकाल दो हमारे बदन से गर्भाशय
क्योंकि नही पचता हमारे बौद्धिकों को
तुम्हारा दिखना।
रह लेंगे हम बिना गर्भ धारण किए
जी लेंगे बिना अपनी देह यष्टि को निहारे
या उसपर गर्व किए
नही कहेंगे किसी से कि
तुम्हारी ही बनाई सृष्टि के पुनर्निमाण में कितने सहायक हैं ये अंग।
पीट लेंगे छाती और बांध लेंगे उसपर
कसकर एक कपड़ा
उतरने पर दूध इसी निगोड़े स्तन में।
मैं मर रही हूं
भटक रही हूं
चाह रही हूं
कि जी जाए एक जोड़ी स्तन
एक योनि,
एक गर्भाशय
ताकि बच जाए एक स्त्री,
एक घर,
एक माँ,
एक बेटी- कैंसर से।
ईश्वर, बुलाती नहीं तुम्हें कभी भी।
पर, अबकी तुम आओ
और करो तुम्हीं कुछ
समाज और दिमाग के इन कैंसरों को भगाने के लिए।
बताने के लिए कि
हमें गलियाने और
मारने-जलाने के लिए भी
इन्हीं के पास से गुजरना होगा तुम्हें
वरना आ ही नहीँ पाओगे इस धरती पर
जो ना हों ये स्तन, योनि और गर्भाशय। "
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विभा रानी
मधुबन , बिहार , इंडिया