॥ जान की सुरक्षा॥


Indian Railway
अपने सामान की स्वंय रक्षा करें।
जान की उससे ज्यादा सुरक्षा करें।
ट्रेन का लेट होना अजूबा नहीं
आज भी लेट है अब प्रतीक्षा करें।
अपने स्तर से ज्यादा न सोचें कभी
दायरे में है जिस, उतनी इच्छा करें।
धारणा पहले ही मत बना लिजीये
पहले वस्तु स्थिति की समीक्षा करें।
असल और नकल को परखने के लिए
कस कसौटी पर विधिवत परीक्षा करें।
हैं धनुर्धर बड़े आप इस देश के
पात्र ही देखकर उसकी दीक्षा करें।
मांगने वाले जो, होते मजबूर हैं
देख 'खेतान' उनको ही भिक्षा करें।

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कवि:- Jagdish Khetan Ji

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