Village life |
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तेरा मेहरबान हुए है गुजरते वक्त जरा थम के गुजर ,
सजी सवंरी दुनिया हो हमे तो यही महक अाती रही हैं!
बरसो बाद ला मिलाया घर गांव इन गलियों से,
जिनकी तलब भर याद मे हिचकियाँ अाती रही हैं!!
सबकुछ बदला सा हैं सिर्फ अपनों के
लगाव अौर एहसासों को छोड़कर !
सजी सवंरी दुनिया हो हमे तो यही महक अाती रही हैं!
बरसो बाद ला मिलाया घर गांव इन गलियों से,
जिनकी तलब भर याद मे हिचकियाँ अाती रही हैं!!
सबकुछ बदला सा हैं सिर्फ अपनों के
लगाव अौर एहसासों को छोड़कर !
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