***प्रदूषण की मार***
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प्रदूषण की मार बहुत है।
क्योंकि शहर में कार बहुत है।
आड इवीन सचमुच अच्छा है
पर इस पर तकरार बहुत है।
टैक्स बढाने को लेकर के
संजीदा सरकार बहुत है।
आंखों से जो मदिरा पी है
उसका अभी खुमार बहुत है।
गुजरा नहीं कारवां फिर भी
शहर में अभी गुबार बहुत है।
इस घर में दो प्राणी रहते
पर घर का आकार बहुत है।
कौन भला सच कहने वाला
कहने को अखबार बहुत है।
'खेतान' से मत पंगा लेना
उसकी कलम में धार बहुत है।
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Pollution of Politics |
क्योंकि शहर में कार बहुत है।
आड इवीन सचमुच अच्छा है
पर इस पर तकरार बहुत है।
टैक्स बढाने को लेकर के
संजीदा सरकार बहुत है।
आंखों से जो मदिरा पी है
उसका अभी खुमार बहुत है।
गुजरा नहीं कारवां फिर भी
शहर में अभी गुबार बहुत है।
इस घर में दो प्राणी रहते
पर घर का आकार बहुत है।
कौन भला सच कहने वाला
कहने को अखबार बहुत है।
'खेतान' से मत पंगा लेना
उसकी कलम में धार बहुत है।
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Jagdish Khetan
Gorakhpur,India