चित्र रचनाओ की तरह स्त्रियाँ

* स्त्रियाँ *
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MJImage#01

कागज की तरह
पढ़ा गया हमे
जैसे पढ़े जाते है
अखबार के पन्ने

देखा गया हमे
जैसे टेलिविजन पर
देखी जाती है
चित्र रचनाएँ


सुना गया हमे
जैसे मोबाइल 
बजती है
उठाने से पहले

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बेचा गया हमे
जैसे रद्द कागज
बिकते है
फैकने से पहले

MJImage#02
इस्तेमाल किया गया
जैसे पुराने कपड़े
बदले जाते है
नये पहनने से पहले

अरे हम भी इंसान है
धड़कती है साँसे
मचलते है अरमान
सुलगती है साँसे

हम भी इंसान है
जन्मती है भावनाएँ
तड़पती है आत्माएँ

मत पढ़ो हमे
अखबार की तरह
मत देखो हमे
चित्र रचनाओ की तरह

मत सुनो हमे
मोबाइल की आवाज की तरह
आखिर हम भी इंसान है..........
न खत्म होने वाली आवाज।
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