MJImage#01 |
कोरे कागज पे लिखे कुछ पैगाम आये है !!
फिर मेरे दिल में आज अजब सी खामोशी है !
फिर मेरी आँखों मे आँसूं ये क्यूँ भर आये हैं !!
खत में लिखा है के हम मजे में रहते है !
तेरी वादों को हम अब भी खुद में जीते है !!
तुम कहो कैसे हो क्या हम कभी याद आते है !
तेरी यादों के झरोखे मुझे बड़ा तड़फते है !!
एक मुद्दत हुई हमको कि यूँ मजबूर हुए !
क्या ये ही थी मोहब्बत के हम यूँ दूर हुए !!
तुमने भुला दिया है मुझे या के तुम मजबूर हुए !
खता कुछ मेरी भी होगी जो यूँ मगरूर हुए !!
दिल में धड़कन सी जरा अब भी धड़कती तो है !
तेरी चाहत की आंधी जोरों से फिर मचलती तो है !!
क्या कहूँ तुमसे कुछ कह नही पाउँ !
कैसे जीती हूँ मर मर के दिखा नही पाउँ !!
दिन तो कट जाता है इस दुनिया को निभाने में !
रात काटती नही पल पल तुझे भुलाने में !!
जी रही हूँ तेरी यादों में वादों के वफ़ा होने तक !
मिलने आओगे तुम क्या सांसो के फना होने तक !!
आ भी जाओ के फिर मैंने तुम्हें पुकारा है !
तेरी राहों को अपनी पालकों से रोज बुहारा है !!
भूल भी जाओ अब कि किसकी क्या खता है रही !
जिन्दगी हम दोनों पे भारी थी सजा हमको मिली !!
इससे पहले की मेरी बन्द हो ये सांसे !
है यही आरजू जी भर के कर लूं तुझसे मैं बातें !!
आ भी जा अब के खत्म ये इंतजार करो !
मैं तुम्हे प्यार करूँ तुम भी मुझे प्यार करो !!
*****************
Pradeep Sumnakshar
Delhi, India