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MJImage#01 |
पास रहे या दूर रिश्तों में रवायत बनी रहे !
अपनों पर अपनों की हिदायत बनी रहे !!
देखो ज़रा भूलाकर ,नफरत को दिलों से !
एक दूसरे पर थोड़ी सी इनायत बनी रहे !!
लूटपाट से कब खत्म हुई ,मुफलिसी यारों !
इंसानों में इंसानियत की शराफत बनी रहे !!
बदज़ुबानी का जवाब बदज़ुबानी तो नही !
गुस्से में भी ज़ुबा पर तेरे,लियाक़त बनी रहे !!
छोड़ कर वहशियत ,अब नेक राह चल !
तेरे वजूद पर,ख़ुदा की हिमायत बनी रहे !!
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