जानकी विवाह का सेहरा गीत है. रसूल मियां के कलम से लिखी हुई रचना राम-सीता के विवाह पर ! ऐसे दर्जन भर गीतकारों के गीत साझा करूंगी. एक से एक गीत. राम और राधाकृष्ण पर भोजपुरी में मुस्लिम कवियों ने जो रचनाएं की है, उनके गीतों से गुजरते हुए आप उस दुनिया में खो जायेंगे. इतने मनोयोग और समर्पण से की हुई रचनाएं हैं. इसके बाद मोहम्मद खलील साहब और सुंदर वेश्या का गीत सुनाती हूं. मोहम्मद खलील के बारे में बतानेवाले बतायेंगे, वैसे जिनका भोजपुरी गीतों से वास्ता रहा होगा, वे मोहम्मद खलील साहब को जरूर जानते होंगे. आखिर उनकी तरह स्टार कौन हुआ? आकाशवाणी में उनकी तरह जलवेदार कौन हुआ? और फिर आज भोजपुरी में अपना ग्रुप बनाने का चलन है लेकिन भोजपुरी का पहला विधिवत बैंड तो मोहम्मद खलील ने ही बनाया था. भोलानाथ गहमरी जैसे अप्रतीम रचनाकार के साथ बैठकर गीतों को तय करते थे, गाते थे और गायकी की शुरुआत पारंपरिक सरस्वती वंदना से करते थे. विनईला शरदा भवानी, पत राखीं महारानी. और सुंदर वेश्या? कजरी की दुनिया की महारानी, जिनकी कजरी को कंपोज कर दुनिया में आगे बढ़ाया था संत कलाकार बिस्मिल्लाह खान साहब ने. यूं तो बिस्मिल्लाह खान साहब तो देश और दुनिया के अप्रतीम कलाकार थे लेकिन अपनी मातृभाषा भोजपुरी के संगीत के लिए किया हुआ उनका काम अनपैरेलल है. खैर, बातें होती रहेंगी. फिलहाल रसूल मियां का यह सेहरा गीत सुनिए. और गीत साझा करती रहूंगी !
रसूल मियां की रचना,चंदन तिवारी की आवाज में
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चन्दन तिवारी वाराणसी , इंडिया
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