अनोखा शिव मंदिर |
देशभर में भगवान् शिव के इतने मंदिर हैं जिनके बारे में आप जानते भी नहीं होंगे ! कुछ मंदिर बनाये गए हैं तो कुछ अपने आप ही बन गए हैं यानी स्वयंभू जिसे कहते हैं ! जहाँ भगवान् शिव अपने आप ही वास करने लगते हैं , वहा पर भक्त मंदिर बनवा देते हैं !
आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत अनोखा तो हैं ही एक ही दिन में बनकर तैयार भी हुआ हैं ! और इस मंदिर में बने शिवलिंग की लोग पूजा भी करने से डरते हैं !
उत्तराखंड के पिथोरागढ़ के थल में 6 किलोमीटर दूर बल्तिर गांव में हथिया देवाल मंदिर हैं जिसकी अनोखी कला को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते रहते हैं ! लेकिन इस मंडी में कोई पूजा नहीं की जाती हैं ! इसके पीछे एक बहुत दिलचस्प कहानी हैं !
पुराने समय में इस जगह पर राजा कत्यूरी का शासन था , जिन्हे स्थापत्य कला बेहद पसंद थी ! इस स्थान को एक कुशल कारीगर ने एक ही दिन में एक ही हाथ से बना दिया था !
कहा जाता हैं इस गांव में एक हाथ ख़राब एक मूर्तिकार रहता था जिसे लोग बहुत अपमान और धिक्कारते रहते थे जब तब उसकी अपाहिजता पर हस्ते थे !
अचानक एक रात इस कारीगर ने अपना छेनी हथौड़ा लिया और दक्षिण दिशा की ओर चल दिया रास्ते में उसे एक बड़ा चट्टान मिला जिसे वह रातो रात एक भव्य मंदिर में तब्दील कर दिया !
सुबह अचानक से इस भव्य मंदिर को देखकर लोग हैरान रह गए सभी ने उस मूर्तिकार को बहुत खोजा पर वह उसके बाद से कही कभी नहीं मिला ! इस मंदिर में बने शिवलिंग का अरघा विपरित दिशा में है! जिसके पीछे कारण दिया गया कि अगर किसी ने इस शिवलिंग की पूजा की तो कोई अनहोनी घट सकती हैं!
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मंगलज्योति
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