रिक्शाचालक की बेटी ने जीता सोने का तमगा

स्वप्ना बर्मन-1

   इंडोनेशिया के जकार्ता में जारी 18वें एशियाई खेलों ने इस समय भारत के खिलाडियों ने बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया हैं! इन्ही खिलाडियों में से एक खिलाड़ी के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं!

तमाम दिक्कतों से जद्दोजहद करके ही कोई समाज में नायक बनता हैं! पश्चिम बंगाल की जलपाईगुड़ी की रहने वाली एक रिक्शाचालक की बेटी स्वप्ना बर्मन ने हेप्टाथलन खेल में भारत का पहला गोल्ड मेडल जीतकर यह फिर से साबित किया की अगर कोई कुछ करना चाहे तो गरीबी या कोई भी परेशानी आपको हरा नहीं सकती!





स्वप्ना बर्मन-2

   जिस दिन यह खेल हुआ था स्वप्ना के दांतो में तकलीफ और पट्टी लगने के बावजूद इतना बेहतरीन प्रदर्शन रहा हैं! स्वप्ना ने 7 स्पर्धाओं में कुल 6026 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया! जैसे ही स्वप्ना की जीत तय हुई यहां घोषपाड़ा में स्वप्ना के घर के बाहर लोगों को जमावड़ा लग गया और चारों तरफ मिठाइयां बांटी जाने लगीं!

एक समय ऐसा भी था कि स्वप्ना को अपने लिए सही जूतों के लिए संघर्ष करना पड़ता था, क्योंकि उनके दोनों पैरों में छह-छह उंगलियां हैं! पांव की अतिरिक्त चौड़ाई खेलों में उसकी लैंडिंग को मुश्किल बना देती है इसी कारण उनके जूते जल्दी फट जाते हैं!


बेटी की इस सफलता पर आज रिक्शा चालक पिता पंचन बर्मन और माँ बाशोना बहुत खुश हैं और दोनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं!
अभीतक भारत ने 15 गोल्ड ,24 सिल्वर, 30 ब्रॉन्ज़ जीत लिया हैं!
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मंगलज्योति 


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